फ़िरसे उसका ख्वाब दिखा दो। या उस लड़की से मिलवा दो। हिंदी उर्दू धर्म नहीं हैं। दोनों धर्मों को समझा दो। सीता हरण करे अब कोई । सीधा फांसी पर लटका दो। पूछे कोई पता हमारा । गालव ऋषि की भूमि बता दो। फिल्मों की दीवानी है वो। बम्बइ अब, हर शहर बना दो। सूरत उसकी क्या बतलायें। ताजमहल का अक्स बना दो। मतला मक़्ता मिल जाने दो बीच से बाकी शेर हटा दो। एक आखिरी ख्वाइश है बस। हम दोनों का ब्याह करा दो। ©विकास शर्मा "विचित्र" #विचित्र_ख़्याल..