ये जो तुम्हरे लबों पे मुस्कान हैं ।। मेरे अलफ़ाज़ों को पढ़ कर ।। इसे लाने को तुम्हरे लबों पर ।। मेरी कलम हज़ार बार रोती है ।। #मुस्कान