गुज़र जाती है ज़िंदगी अनकही अल्फाजों के बीच, कहने सुनने की बात नहीं कुछ तो बता दीजिए, खामखा समझ बैठे थे तुम्हे हर मर्ज की दवा, इस तरह इल्ज़ामे उलफ़त में न फंसाया कीजिए। । 💕लेखन संगी💕 "हमने कब आपसे कहा कि ज़िंदगी का ख़ुश हाल-ए- मिज़ाज दीजिए, हक़ जमाकर ये तक नहीं कहा, कि मोहब्बत से हमें नवाज़ दीजिए। पता नहीं क्यों पर बहुत उदास है दिल उन मुस्कियों की याद में यारा, ग़ैर बनकर ही सही, कभी तो संग बिताए लम्हों को आवाज़ दीजिए।।" ✍Saiyaahi@Rashmi 💕💕