आंखों की नमी को... हंसी में छुपाकर,अपने जीने का अंदाज़ बयान करते हो? ए-दोस्त!! हमने तो अपनी मेहरूमियत में भी... दूसरों को महज़ खुश रहने का सलीक़ा सिखाया हैं।। ©© Mulahiza farmayiegaa वो रोते रहे तन्हाई में अपने, फिर महफ़िल में मुस्कुराकर कहा- मेरा इश्क़ बेवफ़ा हैं।। ए-दोस्त!! कभी हाल-ए-क़ल्ब उनसे पूछना? जिनके हालात अब इश्क़ के क़ाबिल भी नहीं।। #mahroomiyat_बदनसीबी #qalb_दिल #love #SS #Nojoto