तवायफें मुहब्बत किया नही करती कर भी ले तो बयां नहीं करती.. अपनी जद्द में कईयों की मोहब्बत को दम तोड़ते देखती हैं ये रोज.. इंसानी फिदरत को नस नस से बहुत नज़दीक से वाकिफ होती हैं ये, जो रात यह जानते हुए सज धज कर तैयार हुआ करती है, कि शौहर ये सिर्फ़ एक रात का या एक घड़ी का है.... हद हुई जो मोहब्बत की। #मेरीडायरीकेकुछपन्ने #हद #तवायफ़ #कोराकाग़ज़ #कोठा #yqquotes #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Ravi Singh