हाँ, मै मजदुर हुँ, अपने हालातो से मजबुर और किस्मत से चुर-चुर हुँ। गलती क्या मेरी? मै किसका गुनहगार हुँ? चार दिन से भुका और कई दिनो से लाचार हुँ। - करण राठोड ।।मजदुर।। - करण राठोड