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मेरे सपने कुछ ऐसे जैसे अनकहे किस्से गुमनाम रास्

मेरे सपने कुछ ऐसे 
जैसे अनकहे किस्से 

गुमनाम रास्ता और 
मै व्याकुल परिंदा 

मेरे पंखो में जान नहीं
पर उडान भर ली है

मेरी मंजिल का पता नहीं 
पर सफर जारी है

मुझे उड़ाना है गिरना है
फिर उठकर संभालना है

मन में घबराहट है
पर हौसले बुलंद है

©Kshitija
  #thepredator #sapne #Poetry  0 Ak.writer_2.0 Sethi Ji Ravi Ranjan Kumar Kausik Aj stories,,,  Sherni Andy Mann