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देखा नही कभी आप को। क्या लिखूं आप के बारे में। बस

देखा नही कभी आप को। क्या लिखूं आप के बारे में।
बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखों सितारों में।
पापा में आप का चेहरा देखा। और उन की बातो मे संस्कार।
उन के गुस्से में आप का गुस्सा देखा। और आंखों में देखा प्यार।
सभी सुर थे आप में वो। जो होते एक इकतारे में।
देखा नही कभी आप को। क्या कहूं आप के बारे में।
बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखो सितारे में।
ताहिर।।।

©TAHIR CHAUHAN #दादाजी
देखा नही कभी आप को। क्या लिखूं आप के बारे में।
बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखों सितारों में।
पापा में आप का चेहरा देखा। और उन की बातो मे संस्कार।
उन के गुस्से में आप का गुस्सा देखा। और आंखों में देखा प्यार।
सभी सुर थे आप में वो। जो होते एक इकतारे में।
देखा नही कभी आप को। क्या कहूं आप के बारे में।
बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखो सितारे में।
ताहिर।।।

©TAHIR CHAUHAN #दादाजी