तुम मुझे याद करो और मुझे खबर न हो, यानी सूरज निकले और सहर न हो। क्या अजीब शर्त है इश्क में बरबाद होने की, मैं हूं तुम हो वादें हैं और मोहब्बत पूरी न हो। ©Siddharth kushwaha #तुम #मैं_और_तुम #मोहब्बत❤ #कानपुर