पुकारता है दिल मेरा मगर उस तक आवाज़ नहीं जाती। ऊडूँ कैसे मैं टूटा पंख मेरा अब वो परवाज़ नहीं आती। खो गई ज़िंदगी गम के अँधेरों में अब मेरी चाँदनी रात नहीं आती। होंगें बड़े चाहने वाले मेरे उसके मगर मुझे सिवा उसके कोई बात नहीं आती निहारती है आँख, पुकारता है दिल... #पुकारताहैदिल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi