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क्या क्या नहीं, तूने देखा बचपन से ज़वानी तक च

 क्या क्या नहीं,  तूने देखा 
 बचपन से ज़वानी तक
 चहकते बहकते बीता
 मिलन और विरह दोनों 
 की हैं ये साक्षी, आँखे 
 जिंदगी रंगीन लगतीं हैं 
 इन्ही के बदौलत 
 मुहब्बत का इज़हार 
 और इनकार करतीं हैं 
 ये आँखे,  यूँही 
#जया
 
 
 
 नमस्कार लेखकों🌸

आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियआँखें। 

आँखें वो बोलतीं हैं जो लफ्ज़ बयाँ नहीं कर पाते। क्या नज़रिया है आपका नज़रों के प्रति? 

Collab करें हमारे इस खास पोस्ट पर और आँखों के प्रति अपने विचार प्रकट करें।
 क्या क्या नहीं,  तूने देखा 
 बचपन से ज़वानी तक
 चहकते बहकते बीता
 मिलन और विरह दोनों 
 की हैं ये साक्षी, आँखे 
 जिंदगी रंगीन लगतीं हैं 
 इन्ही के बदौलत 
 मुहब्बत का इज़हार 
 और इनकार करतीं हैं 
 ये आँखे,  यूँही 
#जया
 
 
 
 नमस्कार लेखकों🌸

आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियआँखें। 

आँखें वो बोलतीं हैं जो लफ्ज़ बयाँ नहीं कर पाते। क्या नज़रिया है आपका नज़रों के प्रति? 

Collab करें हमारे इस खास पोस्ट पर और आँखों के प्रति अपने विचार प्रकट करें।

नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं rzप्रियआँखें। आँखें वो बोलतीं हैं जो लफ्ज़ बयाँ नहीं कर पाते। क्या नज़रिया है आपका नज़रों के प्रति? Collab करें हमारे इस खास पोस्ट पर और आँखों के प्रति अपने विचार प्रकट करें। #YourQuoteAndMine #जया #yqrestzone #collabwithrestzone