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काश !किसी ने जख़्म के बदले , ''मरहम ''भी लगाया  होत

काश !किसी ने जख़्म के बदले ,
''मरहम ''भी लगाया  होता। 


आज नज़ारा कुछ और ही होता ,
तुम मेरे ,मैं तुम्हारा सहारा होता। 
काश !तुमने उम्मीद ही न की होती ,
 मैंने भी न.....  अरमान पाले होते। 
उम्मीदों के सहारे ही ,जी लिया होता। 
''जख़्म ''भी अपनों के ही दिए थे ,
इसीलिए ''गहरे ''थे। 
उनका दर्द भी..... मैं ,सह लेता। 
काश ! किसी ने उन जख़्मों पर.... 
'' नमक न  लगाया  होता। ''
कुछ गलतियाँ मेरी भी रही होंगी ,
तुमने तो...  साथ निभाया होता।

©Laxmi Tyagi #मरहम लगाया होता
काश !किसी ने जख़्म के बदले ,
''मरहम ''भी लगाया  होता। 


आज नज़ारा कुछ और ही होता ,
तुम मेरे ,मैं तुम्हारा सहारा होता। 
काश !तुमने उम्मीद ही न की होती ,
 मैंने भी न.....  अरमान पाले होते। 
उम्मीदों के सहारे ही ,जी लिया होता। 
''जख़्म ''भी अपनों के ही दिए थे ,
इसीलिए ''गहरे ''थे। 
उनका दर्द भी..... मैं ,सह लेता। 
काश ! किसी ने उन जख़्मों पर.... 
'' नमक न  लगाया  होता। ''
कुछ गलतियाँ मेरी भी रही होंगी ,
तुमने तो...  साथ निभाया होता।

©Laxmi Tyagi #मरहम लगाया होता
laxmityagi1712

Laxmi Tyagi

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