मैं मीठा ताजा शर्बत हूँ, तुम ठंडा वाला ड्रिंक प्रिये। मैं स्याही क़लम दवात ही हूँ, तुम पाइप में पड़ी इंक प्रिये। मैं ठंडक खिड़की वाला हूँ,तुम टैल्कम वाला मिंट प्रिये। मैं पानी वाला कुआं सही, तुम मुँह धोने का सिंक प्रिये। मैं आसमान सा सरल सजग, तुम सागर जैसी चंचल हो। मैं सर के साए जैसा हूँ, तुम माँ का जैसे आँचल हो। ये हृदय प्रेम में विचलित है, तुम मेरे हृदय की जान प्रिये। तुम अपने घर की परी सही, मैं अपने घर की शान प्रिये। मैं जिम्मेदारी से ढका हुआ, तुम आसमान में उड़ती हो। यह कठिन राह मंजिल मेरी,तुम भी मंजिल में पड़ती हो। मैं सत्यवान सा सुंदर हूँ, तुम कल की हो हरनाज़ प्रिये। तुम बेटी रज़िया सुल्ताना, हमको तुम पर है नाज़ प्रिये। मैं अधरों की काली सुर्खी,तुम उन अधरों की प्यास प्रिये। मैं हारा थका मुसाफ़िर हूँ, तुम लगती मुझको आश प्रिये। मैं लकड़ी की कलम सा हूँ, तुम पेंसिल वाली नोंक प्रिये। तुम बरछी तीर कटारी हो, गर हो हिम्मत तो घोंप प्रिये। प्रिये।।।। मैं मीठा ताजा शर्बत हूँ, तुम ठंडा वाला ड्रिंक प्रिये। मैं स्याही क़लम दवात ही हूँ, तुम पाइप में पड़ी इंक प्रिये। मैं ठंडक खिड़की वाला हूँ,तुम टैल्कम वाला मिंट प्रिये। मैं पानी वाला कुआं सही, तुम मुँह धोने का सिंक प्रिये।