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पत्थर की दास्ताँ ************* चलो ना उन पत्थरों क

पत्थर की दास्ताँ
*************
चलो ना उन पत्थरों का दर्द पूछते है
जिन्हें तराश कर आज
 भगवान बनाया गया

यूँ तो राहों में ठोकरों में 
मुलाकात होती थी इंसानों से,
इज्जत देने का ये तरकीब भी 
कितना आसान बनाया गया।

आकृति में ढलते ही पूजे जाने लगे
ऐसा क्यों इंसानों का ईमान बनाया गया?

शायद दर्द देकर पूजने की आदत है इनकी
तभी पत्थरों का कत्ल कर,दुकान बनाया गया

बेकिमती थे
,कीमत पत्थरों के बीच ही थी अपनी
निखरे,मगर महलों में सजा मुझे,
 बेजान बनाया गया

दर्द छेनियो ने कम ना दिया मुझको
बजूद खोकर मुझे,
 फिर अजान सुनाया गया।

कभी आकर देखो, 
किस कदर घर उजाड़ा है मेरा
क्यों दर बदर,कर मुझे महान बनाया गया??

दिलीप कुमार खाँ""अनपढ़"" #Dosti  #alfaz #hindi #poem #kaawy
पत्थर की दास्ताँ
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चलो ना उन पत्थरों का दर्द पूछते है
जिन्हें तराश कर आज
 भगवान बनाया गया

यूँ तो राहों में ठोकरों में 
मुलाकात होती थी इंसानों से,
इज्जत देने का ये तरकीब भी 
कितना आसान बनाया गया।

आकृति में ढलते ही पूजे जाने लगे
ऐसा क्यों इंसानों का ईमान बनाया गया?

शायद दर्द देकर पूजने की आदत है इनकी
तभी पत्थरों का कत्ल कर,दुकान बनाया गया

बेकिमती थे
,कीमत पत्थरों के बीच ही थी अपनी
निखरे,मगर महलों में सजा मुझे,
 बेजान बनाया गया

दर्द छेनियो ने कम ना दिया मुझको
बजूद खोकर मुझे,
 फिर अजान सुनाया गया।

कभी आकर देखो, 
किस कदर घर उजाड़ा है मेरा
क्यों दर बदर,कर मुझे महान बनाया गया??

दिलीप कुमार खाँ""अनपढ़"" #Dosti  #alfaz #hindi #poem #kaawy