आँखों ने कहा तुमने सुना ही नहीं या सुन कर अनसुना कर दिया शायद,दिल की बात लबों पर आते आते थम गई हर बार, हम अधूरी मंजिलों के बेताज बादशाह है कदम हर बार वही लड़खड़ाए जब मंजिल करीब हो और हम कहीं दूर फिसल जाते है, बातें तो बहुत थी पर दिल अपनी किताब के पन्नों को बंद रखना चाहता है या सब कुछ मिट जाता और फिर से लिखे जाते कुछ जीने के नए किस्से, कुछ लम्हें खुशगवार और वो दुनियां जहाँ पहुँचे ना कभी गम की दरार.. बातें तो बहुत थी पर अब दिल को खामोशी अच्छी लगती है! बातें तो बहुत थीं... #बातेंबहुतथीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi