.................. ©aman6.1 ~~【{◆◆पल पल◆◆}】~~ पल पल मर रही हूं मैं तो तेरे आँगन, जब से बोल कड़वे हो गये तेरे साजन, सात जन्मों के जो वचन किये थे तूने, इसी जन्म ही ना रख पाया तू पावन।। छोड आयी मैं अपने बाबुल के घर को,