तू दरिया अपनी मौजों की मैं किनारे पे बनी मजार घाट का पत्थर खामोश है हैं नदी के रंग हजार मदहोश हूँ तेरी आदत पे यौवन है तेरा श्रृँगार दुनिया रब का सजदा करे मैं तेरा रहूँ शुक्रगुजार... ♥️ Challenge-988 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।