//पुष्प की गाथा// ******************** खिला हूँ हर आंगन मैं , सबका मन बहलाता हूँ, तितलियाँ करती अठखेलियां, प्रेम पराग देता हूँ। खाकर सीने में ज़ख्म सुंदर हार बन जाता हूँ, और वो हार बन श्री हरी गले में भाता हूँ, किसी के लिए प्रेरणा तो किसी की खुशी बन जाता हूँ, कोई करे प्यार का इंज़हार , मैं दो दिलों को मिलवाता हूँ, खिल के बागबाँ मैं मालिक का घर आंगन महकाता हूँ, फूल हूँ ना साहब , आखिर मे मैं मसल दिया जाता हूँ, कोई दे जवाब!................जब मैं , सब मन परचाता हूँ, तो विडंबना यह कैसी है, आख़िर बेकद्री पाता हूँ, अंतिम यात्रा में भी मैं साथ निभाता हूंँ, पृथ्वी को दे जीवनदान मैं मन ही मन मुस्कुराता हूँ। #rzmph #rzmph156 #rzhindi #yqrz #yqbaba #yqdidi #yqresrzone