अवधपूरी में वर-वधुऐ आई, चारों ओर खुशियाँ छाई.. राम,लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के जीवन में बहार लाई.. राजा दशरथ वृद्ध हो आए, अब राज्य का शासन पुत्र चलाये राम को राजा बनाया जाए, राज्य उन्हें सौपा जाए आई राजा बनने की बारी, राज्याभिषेक की हो रही तैयारी दासी मंथरा के बहकावे पे, केकयी वचन माँगने आई राम को चौदह वर्ष का वनवास, और भरत का राज्याभिषेक दशरथ ने वचन है दे डाली, शोक में बदली अयोध्या नगरी सारी करने पिता के वचन का पालन, लक्ष्मण, सीता संग वन को चल पड़े रघुराई.. पहन साधु का वेश, जंगल में तीनों ने किया प्रवेश जंगल में आवास बनाया, अपना जीवन वहीं बसाया..! नाव केवट के चढ़, बेर शबरी के चख कंदमूल खाकर बनवासी बन वन में डेरा जमाना.! ©rishika khushi #NojotoRamleela #NojotoRamleela #NojotoWritters #रामवनगमन #रामलीला