आज वही पन्ने और स्याही मेरी आंखो की नमी को सांझा कर रहे हैं , जो कभी मेरे खुशी के पैग़ाम का माध्यम हुआ करते थे ........ #स्याही_कागज_और_ज़ुबाँ