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तुम्हें मालूम है तुम चाँद हो मेरे कभी तो अपने रास्

तुम्हें मालूम है तुम चाँद हो मेरे कभी तो अपने रास्तों को मेरी गलियों कि ओर घुमाया करो,
कितनी सेर करते हो तुम कभी तो मेरी खिड़की पे आकर ठहर जाया करो ।
@bhaavi😍 #bhaavi
तुम्हें मालूम है तुम चाँद हो मेरे कभी तो अपने रास्तों को मेरी गलियों कि ओर घुमाया करो,
कितनी सेर करते हो तुम कभी तो मेरी खिड़की पे आकर ठहर जाया करो ।
@bhaavi😍 #bhaavi