यादों का ही , सहारा है। वरना कौन , हमारा है। दिल तो , बेचारा है। फुरक़त का , मारा है। किसने इसे , पुकारा है। शायद ख़याल , हमारा है । निगाहों का जो , मारा है। वही तो दिल, हमारा है। याद ही साहिल, याद ही किनारा है। अब तो बस यही, मुक़द्दर हमारा है। नमस्कार लेखकों।🌸 Collab करें आज इस पर और अपने ख्याल व्यक्त करें। Check out our pinned post 🎊 #rzpartners #rzhindiquest242 #yqrestzone #collabwithrestzone #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Rest Zone