हम रहते है याद बनकर और रहेंगे भी, अंजाम की परवाह नहीं की, बस साथ हूं और रहूंगा हमेशा, भीड़ में करोड़ों की मेरी उम्र ले फिर चले आओ, अब साथ चले आओ, फिर शब्दों से मुक्त नहीं हो जाऊं, अबतो कुछ और सहारा अपना ये पता देते जाओ, जानता हूं कितना तुम हवा हो, कुछ गूंज मेरे कानों की सरसराहट के बहते, कहते सारी अपनी कहानी मेरी आंहों की वफ़ा हो । आईने के सामने... #आईनेकेसामने #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi