ऐसी कोई बात नहीं, जो दिल से दिल तक ना पहुंची हो, ये और बात है अब ये दिल, ग़लत पते पर जा पहुंची है। सुकुन मिला दिल को जब, दिल से दिल की बात हुई, नींद खुली तो ये पाया की, सपनों में ही बात हुई। ये सपने भी बस सपने है, लाखों में किसी के अपने है, इस डर से लड़ना छोर ना देना, कोशिश में कभी भी कमी ना करना। ऊँची ऊँची इमारते देख कर तू, अपना हौसला कम ना करना, एक ना एक दिन वो वक़्त भी आएगा, तेरे एक इशारे पर धूप भी बरसात लाएगा।।। ©Prahlad kumar #ऐसी_कोई_बात_हुई #poem #poemtime #shayei #najam #Life