ये प्यार के धागे है साहब इन्हें तोड़ पाना आसान कहाँ है जिसने इसे तोड़ने की साजिश की है उसने अपने ही दिल के न जाने कितने टुकड़े किये है॥ ©RSridhiRs #दिल_ए_दर्द