क्या होता है तिल तिल मरना; रोज़ संभल-संभल कर गिरना। जब आशाएँ भी साथ छोड़ दे, मन भी स्वयं ही उम्मीदें तोड़ दे; फिर ऐसे काम कहा आता है; कोई सिख, गिर कर संभलना... क्या होता है तिल-तिल मरना... ठंढी में ठंढ ना गरमी में पसीना, कैसा ये पल है कैसा ये महीना; जीना भी भला ये क्या है जीना; भरे पूरे समाज में एकाकी रहना... क्या होता है, तिल-तिल मरना... ✍🏻@raj_sri #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #lockdown #ekaant