लड़े हो किस ग़ुल से आज साहब किसी का करके शिकार आये। बरस रहा है लहू आंख से किसी की गर्दन उतार आये। क्यों जक रहे हो न बोलते कुछ कहो कहाँ कर तक़रार आये। गुलाबी चेहरा क्यों तमतमाया किसी का घर क्या बिगार आये। पड़े हैं आंखों में सुर्ख डोर ज्यों ज़ाम पीकर ख़ुमार आये। क्यों आज बदले तुम्हारे तेवर लिए जो नंगी कटार आये। @varunsupercool #Love #Quote #varunsupercool #Shayari