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अपने खुशियों को कब तवज्जों देती है मां, औला

अपने  खुशियों  को  कब  तवज्जों  देती  है  मां,
औलाद  के  हंसियो  पर  ही  मुस्कुरा देती है मां,

बिना  जख्मों  के  ही  ,  पीड़ा  ले  लेती  है  मां,
तुम्हारे चोट से,अपनी आंखे डबडबा देती है मां,

उनके भी होते है सपने , बयां कहा वो करती है,
तुम्हारे सपनों में ही,अपने सपने दबा देती है मां,

जाने  इतनी दरियादिली , वो कहां  से  लाती  है,
गुनाह कोई भी हो,बिन कहे माफ कर देती है मां,

सारी  विरानगी  को  समेट , खुशियां भर देती है,
इक अपने होने से मुकम्मल जहां कर देती है मां,

ये वक़्त, ये ज़िन्दगी पुरानी कितनी भी बताती है,
अपने आंचल के साये में हमें नया कर देती है मां,

©praveen kumar pankaj #gazal 
#gazalsbypk_pankaj
#gazals
#Maa❤ 

#stay_home_stay_safe
अपने  खुशियों  को  कब  तवज्जों  देती  है  मां,
औलाद  के  हंसियो  पर  ही  मुस्कुरा देती है मां,

बिना  जख्मों  के  ही  ,  पीड़ा  ले  लेती  है  मां,
तुम्हारे चोट से,अपनी आंखे डबडबा देती है मां,

उनके भी होते है सपने , बयां कहा वो करती है,
तुम्हारे सपनों में ही,अपने सपने दबा देती है मां,

जाने  इतनी दरियादिली , वो कहां  से  लाती  है,
गुनाह कोई भी हो,बिन कहे माफ कर देती है मां,

सारी  विरानगी  को  समेट , खुशियां भर देती है,
इक अपने होने से मुकम्मल जहां कर देती है मां,

ये वक़्त, ये ज़िन्दगी पुरानी कितनी भी बताती है,
अपने आंचल के साये में हमें नया कर देती है मां,

©praveen kumar pankaj #gazal 
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praveenkumarpank7896

Pk Pankaj

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