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मैंने तुम्हें अपने जीवन के, विस्तार होने से अधिक,

मैंने तुम्हें अपने जीवन के,
विस्तार होने से अधिक,
मृत्यु की इच्छा तक चाहा....
मेरा प्रेम सूखे वृक्ष सा हो सकता है,
लेकिन मैंने उसे सदैव ज़िंदा रखने,
सम्पूर्ण विस्वास और प्रेम से सिंचित किया है, नित प्रयास किये है....

मृत्यु तो शास्वत है,
लेकिन इसका सुकूँ भी शेष नहीं..

©Drx punam rao
  #citylight