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अनुगुंजित जो मन में पल-पल अभिव्यक्ति वही दर्शाती ह

अनुगुंजित जो मन में पल-पल
अभिव्यक्ति वही दर्शाती है
प्राणों की अविरल मधुर धार 
सम्मोहन सतत जगाती है

मन स्नेह समर्पित करता है
वह दिव्य भक्ति बन जाती है
भा जाते प्रभु को सरस भाव
तब कृपा वृष्टि हो जाती है..।
डॉ.बृजेश

©डॉ. बृजेश #प्रभु_की_कृपा
अनुगुंजित जो मन में पल-पल
अभिव्यक्ति वही दर्शाती है
प्राणों की अविरल मधुर धार 
सम्मोहन सतत जगाती है

मन स्नेह समर्पित करता है
वह दिव्य भक्ति बन जाती है
भा जाते प्रभु को सरस भाव
तब कृपा वृष्टि हो जाती है..।
डॉ.बृजेश

©डॉ. बृजेश #प्रभु_की_कृपा