सोचते हैं उन्हें भर नज़र देख लें नज़र ख़ुद को कैसे ठहर देख ले झुकती जाती हैं पलकें ठहरती नहीं बंद आँखों से अपनी सहर देख लें इतना ख़्वाबिदा है मेरा दिल, माहताब! रात तुमको ही आफ़ताब कर देख ले चाँद! आँखों में तुमको ले फिरता रहे बज़्म का हर अलम रात भर देख ले मेरी ख़ल्वत भी निसबत तुम्हारी रहे आशना तुमको अहले फ़ज़र देख लें #toyou#tothemoon#yqpervasiveness#yqabundance#yqlife