पत्थर चट्टानों से टकराए फिर भी पानी अपनी राह वही को बनाएं तू भी बन ऐ- दोस्त इस कदर मुश्किलों के तूफान कितना ही आए तेरे खुशीओ का दीपक बुझ न पाए