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आओ बैठो पास मेरे, आज तुम्हें, एक अलग ही इंसान से

आओ बैठो पास मेरे, आज तुम्हें,
 एक अलग ही इंसान से मिलवाता हूँ....

वो कौन से घांव हैं जो भर ही नहीं रहे, 
चलो आज मैं तुम्हें दिखाता हूँ....
मौन के पीछे दर्द हमेशा चीखते रहे, आज 
तुम्हें उनकी चीखें सुनवाता हूँ.....
थक गया हूँ झूठी मुस्कुराहट लिए,
आज दिल खोल कर मैं आँसू बहाता हूँ....

आओ बैठो पास मेरे, आज तुम्हें,
 एक अलग ही इंसान से मिलवाता हूँ....

©Ruchika
  आओ बैठो पास मेरे.....
ruchika7794

Ruchika

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आओ बैठो पास मेरे..... #कविता

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