किताब गढ़ रही है जिंदगी, सहेज शब्द पन्नों पे, सहर्ष कोशिश है, कर लूं फतह सपनो पे;। कहानी तय्यार है संघर्ष की, जिया है जो सफ़र की राह में, तड़पता था जिस सुकून को, वो पाना है हर हाल में;। मुझे भूख नही है नाम की, बस मुकाम की ज़िद्द है, फूट कर बहे है दरिया अंखियन की, अब अर्जुन की नजरों सा गिद्ध है।। एकाग्र चित्त तन चितवन, दृढ़ संकल्प सी चेतना है, मधुर वाणी मन भावन, अनंत दिल की वेदना है। संपूर्ण भाव से जीवन में, बस एक ही कामना है, अब कर्म की पूजा ही अटूट भावना है, निष्ठा ही अचल रूप से मेरी मनोकामना है।। #एकाग्रचित #दृढ़_इच्छाशक्ति #कर्मधर्म #जीवनमंत्र #penofasoul #yqbaba #yqdidi #yqquotes