ए सुन ले मेरे यारा में हु तो बंजारा ना जाने कब तुम्हारा अब मिलना हो दोबारा कुछ भी जो रहा यहाँ सब था तोह हमारा हाज़िर हुआ जहाँ कही भी हो पुकारा देखूं तेरी आँख से फिर वो हसीं नज़ारा किसकी दुआ से मिले कैसा हुआ था क़ज़ारा कुछ बिगड़े हो सही तूने आकर निखारा मुश्किल हो कितनी ही कभी न किया किनारा ज़ेहन में है सब कुछ कहते हो चुका बिसारा तेरे बिन क्या कहूं में जैसे बे-सहारा #सोहबत #yqbaba #yqdidi ए सुन ले मेरे यारा में हु तो बंजारा ना जाने कब तुम्हारा