मेरे ख्वाबों के पहरेदार हैं वो, इस दिल के तलबगार हैं वो। दिल आज भी उन्हें ढूँढ़ता है, मेरे ख़ुदा परवरदिगार हैं वो। हर रूप में मुझे स्वीकार हैं वो, मेरी चाहत का इजहार हैं वो। मेरी ख़्वाहिशों का अंत नहीं, जब तक मेरे तलबगार हैं वो। ♥️ Challenge-513 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।