एक दिया उम्मीद का जला लो, खुशी तुममें बसी है उसे मना लो। जिंदगी में अाँधियों का आना निश्चित हो, तो हथेलियों की आड़ में क्यों संकुचित हो ? लौ जो तुम में लगी उस से प्रकाश पर्व बना लो, अँधेरा खुद में कुछ नही है, अभाव का प्रभाव हटा लो। ... अविनाशा एक दीया आप भी हैं एक दीया हम भी हैं एक दीया है कर्म हमारा एक दीया है विचार हमारा एक दीया है अपना शब्द एक दीया है अपनी कविता एक दीया सब हो सकता है।