चाँद कि जूदाई में आसमा भी तरप गयें आप कि एक झलक पाने को सितारे भी तरप गयें ! बादल के दर्द को क्या कहा जाय चाँद कि याद में वह हँसते -हँसते बरस गये ©Manish Poddar