नफरत नहीं है तुझसे पर प्यार भी मैं क्यूं करूं सवाल तो करूंगा चुप मैं क्यूं बैठा रहूं ? है भीड़ के सवाल ये तक़दीर के हवाले से क्या हक़ नही है पूछने का इसका तू जवाब दे मौजूद थे जो वहां उनकी एक ही तो आस थी मूल रूप से बस उनकी नौकरी की मांग थी .. नफरत नहीं है तुझसे पर प्यार भी मैं क्यूं करूं सावाल तो करूंगा चुप मैं क्यूं बैठा रहूं हिंसा का समर्थक नही उपद्रव मचाना पाप है पर निर्दोषों पे लाठी उठी जो उसका क्या जवाब है बंद कमरों मे थे पढ़ रहे गरीब घरों के चिराग खींच के निकाल बाहर कर दिया क्या उनका हाल .. नफरत नहीं है तुझसे पर प्यार भी मैं क्यूं करूं सावाल तो करूंगा चुप मैं क्यूं बैठा रहूं खौफ ये जो बन रहा ना फैलने दो तुम इसे सीख लो इस वाक्य से मजबूर रोता ना दिखे गम कम नहीं है फिर भी मेहनत बेहिसाब है समझो मजबूरी उनकी भी सभी की ओर से ये सुझाव है ©ShivAm नफरत नहीं है तुझसे पर प्यार भी मैं क्यूं करूं सवाल तो करूंगा चुप मैं क्यूं बैठा रहूं ? है भीड़ के सवाल ये तक़दीर के हवाले से क्या हक़ नही है पूछने का