वो देता है दर्द बस हमी को; क्या समझेगा वो इन आँखों की नमी को; चाहने वालों की भीड़ से घिरा है जो हर वक़्त;वो देता है दर्द बस हमी को; क्या समझेगा वो इन आँखों की नमी को; चाहने वालों की भीड़ से घिरा है जो हर वक़्त; वो महसूस क्या करेगा बस एक हमारी कमी को। वो महसूस क्या करेगा बस एक हमारी ककम