एक गुमनाम शायर है शायरी की बात करता है, रोती हुई कलम से डायरी की बात करता है।मोहब्बत,जुदाई, रुसवाई का दौर ख़त्म हो गया था नबालिगी में ही नासमझ वो अब भी रात भर, अंधरे में रौशनी तलाश करता है।। ✍️ Shailesh Ojha #meltingdown #Shailesh_Ojha