भादो ये कैसी आब-वो-हवा है? गुद-गुदाकर तन्हा दिलों को अरमा जगा रही है! न छतरी से रुकती है, न एक पल को छूटती है, सावन गुज़र गया फिर भी भाव खा रही है,!! Photo credit-pinrest #bhado #bhadokibarsat