शब्दों की बस भाषा है, शब्दों से ही आशा है; शब्दों से विश्वास है, शब्दों से ही साज है; शब्दों से ही सम्मान है, शब्दों में होती जान है; शब्दों से दिल जुड़ जाते हैं, शब्दों से ही तो हम खाते हैं; शब्दों में होती जान है, शब्दों से बनते महान हैं; ये शब्द ही अर्थ बनाते हैं, ये शब्द ही अनर्थ कहाते हैं; इन शब्दों में बसते राम हैं, शब्दों में ही बाबा श्याम हैं; शब्दों में बसी रामायण हैं, शब्दों में बसे नारायण हैं; ये शब्द ही जीवन का सार हैं, ये शब्द ही जीवन आधार है; सागर सिंघल की कलम से 🌊✍️ # From the collection of hearts❤️❤️ ©Sachin Singhal #From the collection of hearts ❤️❤️