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कहाँ यू ही भटकते फिरते हो, हर रोज शाम-ओ-सहर, किस

कहाँ यू ही भटकते फिरते हो, 
हर रोज शाम-ओ-सहर,

किसी मंजिल की तलाश है,,
या किसी बेहिसाब दर्द का एहसास है,
                   
                                    Alkmi #bhataknedo
कहाँ यू ही भटकते फिरते हो, 
हर रोज शाम-ओ-सहर,

किसी मंजिल की तलाश है,,
या किसी बेहिसाब दर्द का एहसास है,
                   
                                    Alkmi #bhataknedo
alokshukla9692

Alok Shukla

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