ना कोई गैर हैं मेरा ना कोई मेरा अज़ीज़ है, ना कोई दूर है मुझसे ना कोई मेरे करीब है: ना डर शेष है खोने का, ना पाने की चाहत है ; ये तन्हाइयों का आलम भी कितना अजीब हैं! DR mehta be AloNe #Shayar #Ka #Kvi #Apne #Meri #alone यज्ञेश्वर वत्स