एक दीद के इंतजार में मैंने शाम से सहर कर लिया हो गया तुम्हारा दीदार तो अमावस के रात में मैने ईद मना लिया बांस सी ज़िन्दगी मेरी तुम्हारे अधर में लग बंशी सी पाबन हो गया मैं मीरा सी दीवानी और तुम्हे अपना कृष्णा बना लिया जिससे हो के गुज़री मेरी सारी ख्वाहिशें मैने तुम्हे वो शख्स बना लिया तुम्हारे होने से मुकम्मल हूँ मैने तुम्हे अपना ही अक्स बना लिया सूखे लकड़ी सी पड़ी थी तुम माथे पे लगा के उसे चंदन बना दिया सुनो मैं मीरा सी दीवानी और तुम्हे अपना कृष्णा बना लिया तुमसे जुड़ के मेरी शाम सुहानी और हर रात दीवाली हो गयी अधूरी सी थी तुम्हारे स्पर्श पा के मैं पूरी हो गयी तुम आये, भटकता हुआ मुसाफ़िर को मानो घर मिल गया मैं मीरा सी दीवानी हूँ और तुम्हे अपना कृष्णा बना लिया इंतज़ार किया है इज़हार किया है जब जब किया है सिर्फ़ तुमसे मोहब्बत किया है जोगन सी हूँ केबल प्रेम नहीं तुम्हे अपना इबादत बना लिया मैं मीरा सी दीवानी हूँ तुम्हे ही अपना कृष्णा बना लिया मोहब्बत एक एहसासों की पाबन सी कहानी है कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है -kumar vishwas #yqbaba #yqdidi #yqdidi5 #kumarvishwas #favroite #yqtales #yqquotes #yqhindi