अपनी मंजिल के इंतजार में इतने बेसबर और मसरूफ रहे कि सफ़र का आनंद कहीं पीछे छूट गया... इतने वक्त बाद जब होश आया तो ना मंजिल अपनी थी और ना हीं सफ़र अपना लगता था.... ©Ajnabii Inherself #fourlinepoetry #SPriya #Ajnabii_inherself #Nojotohindi Vivek Agarwal mansi sahu dhyan mira