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हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, बनके स्याह के अगर करन

हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, बनके स्याह के अगर करना है
तो मेरी मोहब्बत इल्म कर,
फैला के रंग बदहवासी का
तू मेरे अरमानों को
कालिख न कर। #हश्र #इश्क़ #स्याह
हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, बनके स्याह के अगर करना है
तो मेरी मोहब्बत इल्म कर,
फैला के रंग बदहवासी का
तू मेरे अरमानों को
कालिख न कर। #हश्र #इश्क़ #स्याह
tarundogra4415

Tarun Dogra

Gold Star
New Creator
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