मैं निभाता रहा, तुम सताते रहे। मैं जताता रहा, तुम रूलाते रहे। आशियाँ हमारा जलाकर सनम, तुम जश्न-ए-आजादी मनाते रहे। मैं निभाता रहा, तुम सताते रहे। जो वादा किया, मिटा करके तुम, मुझको बेघर बना खुद घर बनाते रहे। जुल्मो-सितम इतना गहरा हुआ, फिर भी सनम तुम मुस्कुराते रहे। मैं निभाता रहा, तुम सताते रहे। मैं जताता रहा, तुम रुलाते रहे। दिल के दर्दों की कोई दवा भी नहीं, हम बिलखते रहे, तुम तो हँसते रहे। यह एहसान तुम्हारा उम्र भर रहेगा, मुझे जिन्दा हीं दफन कर, तुम गाते रहे। मैं निभाता रहा, तुम सताते रहे। ©Patel Gourav Kumar #Shayari #Love #broken #Heart