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#प्रेम की सरिता" तुम थी मन का चैन , चमकती आंखों



#प्रेम की सरिता"

तुम थी मन का चैन ,
चमकती आंखों की मुस्कान।
 देख तुम्हारा खिलता 
मुखड़ा ,खिल उठते थे प्राण ।

झील सी गहरी नीली 
आंखें ,जीने का करती आह्वान ।
मैं करके स्वीकार 
निमंत्रण, नहीं चाहता जीवन दान ।

प्रेमी की सरिता थी या
 सागर ,या अमृत की पूरी गागर।
 एक बूंद से अमर कर 
दिया,करके अपना प्रेम उजागर।
 
तुम मुझको उपहार दे 
गईं, अपने बदले अपनी जान ।
काश कि मैं ऐसा कर
 पाता, हो जाता तुम पर कुर्बान।

©Anuj Ray
  #प्रेम की सरिता"
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Anuj Ray

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#प्रेम की सरिता" #कविता

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